जीयू तो कैसे जीयू
आज की रात रहेगी जीवन की सबसे यादगार
आज तुम्हारे शादी की शुभकामनाएँ देने आए है यार
मेरे भाई को जो है बडा दिलदार
आज फिर आँखों के सामने वे लम्हे फिर याद आ जाती है
लगता है आज इस मोड पे आके ऐसा लग रहा है
आगे मार्ग तो है, पर उस पे चलने वाला मार्गदर्शी नही
बचपन से जिसने इतने लाड प्यार से जीना आसान बनाया
जिसने चलना सिखाया, दौडना सिखाया यहा तक कि गिरते-गिरते संभलना भी सिखाया
आज एहसास हो रहा है कि जब सहारा छूटता तो कैसे लगता है
मेरे अरमानों का पंख बने तुम
मेरे गम को कंधा दिया तुमने
मेरी खुशी को अपनी समझा पर अपने दुःख से परिचित भी न होने दिया
जीयु तो कैसे जी़यु जब तुमने मुझे तुम्हारे बिना कभी जीना ही नहीं सिखाया
मेरे खुशियों की सौगात बने तुम
और दुख में आशा की किरण बने तुम
सब कुछ सिखाया पर ये न सिखाया कि जीयू तो कैसे मै तेरे बिना............................
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