सिर्फ एक और कदम बढ़ा के तो देखो

कितनी हसीन है यह ज़िन्दगी राही ,कितनी हसीन 
आगे काँटों का रास्ता है,पर उसके उपरांत 
फूलों से सजाया रास्ता भी आँखें ताक कर तुम्हारी बाट जोह रहा है 
सिर्फ   कदम बढ़ा के तो देखो 


आगे दुःख भरी खाई है,पर उसके अंत में
 सुखों का बगीचा भी फैला हुआ
हैं सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो 


आगे आग में तपना तो है ,पर उसके बाद 
उस आग को शांत करने के लिए जो ठंडक की फुहार 
रखने वाला हात भी उसी का है
सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो 


इस पथ पर ज़ख्म तो बहुत लगने  वाले है, 
पर उनको लेप लगाकर चंगा करने वाला भी तो वही है,
सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो 


दो घूंट विष  पीकर भी ,जब  अमृत हो जायेगा ,
अपने को उसके समक्ष न्योछावर करदो ,जीवन-मृत्यु की नाव पार लोगे  ,
तब होजाओगे तुम तेजोमय और निराकार  
और जीवन का  ध्येय होगा साकार 


सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो
अपने गुरु के शरणागत बन के तो देखो.... 

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