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Showing posts from 2015

क्या तुम एक दिन स्वयंप्रकाशी बन पाओगे ?????

क्या तुम देख पा रहे हो आज दुनिया की हालत  यहाँ गरीब और गरीबी में डूब  रहा हैं और अमीर और अमीरी में प्रवेश कर रहा हैं  मैं ठहरा साधारण इंसान जो सिर्फ ज़िन्दगी से झूंझ रहा अपना अस्तित्व संभालने में  शहर के तख़्त पर रहने वाले वह लोग जो बैठकर लिख रहे हैं सबकी तक्दीरों को  क्या आप भूख, प्यास मिटा रहे हो? हे मित्र मेरी तुमसे बस एहि दरख्वास्त हैं  कि  क्या तुम अमीरी और गरीबी की इन दो पहलुओं को मिला पाओगे ? कैसी विडम्बना हैं की यह लोग तो अमीरो की चापलूसी कर अपने पेट भर रहे हैं। .......  हे बालक तुम आज के नौजवान हो  तुम हमारा कल हो  तुम हमारी रौशनी की किरण हो ,  पर क्या तुमने कभी उस झोपडी में झाँक देखा जहां सब अपनी भूक को बाँध कर सब सोते हैं  तुम क्या जानो शेहेर के लाल एक रुपये की कीमत क्या क्या हैं जब तुम हज़ारों में खेल रहे हो  क्या तुम इस कृत्रिम दीवार को चीर जीवन को और हसीं बना पाओगे? होकर तुम भी अमीर क्या तुम एक गरीब की व्यथा जान पाओगे? रहकर महलों में क्या तुम उस छोटी से झोपडी में एक सुकून की नींद सो पाओगे? अमीर-गरीब की उस असमानता को तोड़ क्या तुम एक सामान जग निर्माण कर पाओगे? 

यह दोस्ती मैं नहीं तोड़ूंगा .................

आज आगमन हुआ उस दिन का  जिसका मैं बेसब्री से इंतज़ार किये जा रहा था जिसकी अभिलाषा मेरे  मन  को खाए जा रही थी  ज़िन्दगी का एक मोड़ तो ढल गया हैं ,  अपनी मंज़िल की खोज में  पर आज फिरसे तारो ताज़ा होने लगा हूँ उन पुरानी यादों में  जिन्हे याद कर फिरसे छा गयी आज होंटों  पे  हास्सी, और पलखों में नमी  मन आज  फिरसे  हो गया कॄतज्ञनता से भारी. जिन्होंने मेरे बचपन में दोस्ती का हात  स्वीकार किया  उन्होंने ही दोस्ती की एक नहीं परिभाषा कायम की   पहले दिन तो सब थे  अनजाने   ,पर बातों-बातों  में पता नहीं कब हो गए एक दुसरे के दीवाने , क्या बताओ  उस दिन से ही मैंने एक सच्चा दोस्त पाया  शायद तुम भूल गए होंगे पर आज भी वह याद कायम हैं मेरे  ज़हन में  लड़ाई-झगड़े , रूठना-मानना , हस्सी-मज़ाक, प्यार-ईर्ष्या , यह सब तो दोस्ती के ही अलग-अलग पहलू  थे  जिन दोस्तों की वजह से मेरे भूतकाल इतना अविस्मरणीय रहा  चाहूँगा तो  यही  की हर जनम में तुम्हारा जैसा ही दोस्त पाउ  जिसकी हर एक बात दिल को ठंडक पहुंचाती हैं आज भी  जिसकी एक मुस्कराहट आज भी लाती हैं वही लाली  आज मेरे सारे दोस्तों को फ

एक अधूरी दास्तान उस बारिश के शाम

आज देखा एक युवती को बारिश की शाम थी और एक हसीन लहर थी थी खिड़की पर ताकती किसी की राह , कभी पलक झपकती, कभी मुस्कुराती कभी झट से आँखें मूँदती,कभी प्रफुल्लित होती , कभी आँखों से टपकते हुए मोतियों को ऐसा सहलाती मानो उस बारिश के बूंदों में समां देना चाहती, आँखें दूर दूर तक किसीको ढूंढ रही किसी मसीही को? या उसका सपनो के राजकुमार को? अचानक उसकी नज़र पड़ी सामने के रंगीन उद्यान पर जहा एक युवक बैठा था एकांत आँखों में प्यार और लब्ज़ों पे किसी का नाम लेकर पर चेहरे पर एक अजीब उदासीनता को छिपाता हुआ अचानक एक पंछी उड़के उसके पास बैठा और लड़के ने पलके झपकी और मानो कोई संदेसा दे रहा था उस पंछी ने एक लम्बी उड़ान ली और पहुँच गया उस युवती के पास  और बैठ गया खिड़की पर युवती के समक्ष कुछ चुहचुहाया मानो संदेसा दे रहा हो उस युवती के आँखें भर गयी पर फिर भी वह शांत थी। ग़म तो दोनों के दिल में हैं पर दोनों एक दुसरे को समझा नहीं पा रहे थे वक़्त जुज़रा ………… कभी वह युवती  आके बैठती उस  बाकडे पर जहा उस दिन वह युवक बैठा था और कभी वह खुद पर कभी उन  दोनों साथ नहीं बैठा  पाया और धीरे धीरे मैं अपने आँखों क

किंकर्तव्यविमूढ़

हे इंसान तु यह जान ले की तु अभी भी सिर्फ इंसान ही हैं यह मत भूल की तू भगवान नहीं अपनी कमज़ोरियों को समझ उनको स्वीकार कर अपनी भूलों का विश्लेषण कर उनको दोहराओ मत अपनी सीमा का अनुमान लगाकर अपने कर्मों पर नियंत्रण रख अपने षडरिपुओं को त्याग कर अपने आप को खोज अविष्कार करके एक नयी मिसाल बन हे इंसान तू यह जान ले की तू अभी भी सिर्फ इंसान ही हैं , भगवान नहीं हे इंसान तू यह जान ले की तू आज सिर्फ इंसान हों पर कल तू भगवान बनाने की क्षमता रखता हैं आज तू भले ही इस ज़िन्दगी में हैवान हैं पर अगर तो उस ज़िन्दगी के उन ज़ंजीरों को तोड़ खुद को खुद से अलग करेगा तो तू ज़रूर भगवान ही बनेगा यह मेरा आश्वासन हैं तुझे!!!!! इन दो अनुच्छेद को पढ़ कोई भी किंकर्तव्यविमूढ़ में चला जा सकता हैं।  पर जीवन के सच को अनावरण करने के लिए खुदा ने पृथ्वी ने अनेक अवतरण ले हर एक राहगीर को पनाह देकर जीवन का कठोर सच से अनुभव कर जीवन का अर्थ समझाया हैं।  पर क्या इस पाठ को सिर्फ भूल जाना अनुचित हैं? 

Who is "He"

If you burn a candle in  someone's life, you lighten his/her life  But when u burn a candle in yourself , you would enlighten the whole world It is not what you are that matters, But it matters what you do. Don't search for a life outside yourself But try to find the whole universe in yourself It does not matter how you search?, But it matters what you actually search Embrace it! Culture it! and Embed it! Where it matters the most. He has made all of us Wise to make Wise decisions Not only of of mankind but of the universe You are just a puppet in His hands,  Accept it! Justify it! and Make it worth a living Why search for Him in places where you want Him to be? Rather "realise" He is Omnipresent, Omnipotent, Omniscient Still so humble and caring............ Why spend your life trying to find out what is the truth? When nothing in this world is permanent except for Him. Some call Him Jesus, Some Prophet, some Ram and so on...... But "He&qu

सिर्फ एक और कदम बढ़ा के तो देखो

कितनी हसीन है यह ज़िन्दगी राही ,कितनी हसीन  आगे काँटों का रास्ता है,पर उसके उपरांत  फूलों से सजाया रास्ता भी आँखें ताक कर तुम्हारी बाट जोह रहा है  सिर्फ   कदम बढ़ा के तो देखो  आगे दुःख भरी खाई है,पर उसके अंत में  सुखों का बगीचा भी फैला हुआ हैं सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो  आगे आग में तपना तो है ,पर उसके बाद  उस आग को शांत करने के लिए जो ठंडक की फुहार  रखने वाला हात भी उसी का है सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो  इस पथ पर ज़ख्म तो बहुत लगने  वाले है,  पर उनको लेप लगाकर चंगा करने वाला भी तो वही है, सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो  दो घूंट विष  पीकर भी ,जब  अमृत हो जायेगा , अपने को उसके समक्ष न्योछावर करदो , जीवन-मृत्यु की नाव  पार  लोगे  , तब होजाओगे तुम तेजोमय और निराकार   और जीवन का  ध्येय होगा साकार  सिर्फ और एक कदम बढ़ा के तो देखो अपने गुरु के शरणागत बन के तो देखो.... 

तोफा

जुड़ते-जुड़ते कब जुड़ गया यह बंधन बात करते-करते कब  यह  संबंध कितने हसीन थे वो पल  जिन्हे याद कर  आ जाती हैं लब्ज़ों पे  I  Love  U & Only  U  याद करते-करते  ख्वाब  गए हक़ीकत  हे भगवान  तक मैं तेरा शुक्रियादा करू , तूने ही बनाई है हमारी जोड़ी अगर हम में से एक  एक भी न  हो तो यह  कहानी अधूरी   आज  का यह  तोफा अगर पसंद आया तुम्हे  तो लग जा गले आज फिरसे 

Anger & Hatred

When the world and the people around you make you feel comfortable, it arouses love within you the world seems to be a place where you would  like to submerge and be lost in It seems like you are in the paradise you had dreamt  from which you start hoping for the best It starts becoming your reality and you start accepting it as the truth!!!! But even if a slightest string wears off there are people pondering over trying to figure out  how its fading out?  how its graying out? But amidst all these feelings and thoughts what we are missing are the wonderful moments that have brought smile and hope  to one's life and changed them forever then why bloom "Anger" & "Hatred" instead of "Forgiveness" &"Whole-Heartedness" Why "Abuse" the other when "Ignorance is Bliss" It is true to learn from your past as well as your mistakes But its also true to come over them and act wisely

या अल्लाह !

गूंजा है आसमान,  गूंजी है ज़मीन आज ख़ुशी में,  तेरी इनायत से  आज मिलन हुआ मेरा अपने वर्त्तमान से,तेरी इनायत से  सजा धजा  तू ने तेरे बन्दों को अपने आघोष में।  तू ही मालिक , तू ही नुमाईंदा  तो क्यों न भूलु  "मैं" ? तेरे रेहमत से आज हम फूले-फले  या अल्लाह लेले जल्दी हमें अपने गर्दिश में  हैं गवाह तू इस जीवन का  तो क्यों लोग न माने तेरे मर्ज़ी को ? सबको बख़्श  कर तू अपनी पनाह में   क्या इतनी है तेरी चाहत और रेहम इंसानों पे  जिसका बया  करते-करते ज़ुबान से निकले  या अल्लाह !

जीवन का मंत्र

जीतना हैं तो दुश्मनों को जीतों , दोस्तों को जीतना तोह फिर भी आसान हैं  अपनाना है तो सदगुणो को अपनाओ, अवगुणो को अपनाना तो फिर भी आसान है  ज़िंदगी में कुछ बनाना है तो एक अच्छा इंसान बनो, हैवान बनाना तो फिर भी आसान है, प्यार पाना है तो निस्वार्थ भाव से प्यार बाटना सीखो, प्यार की भीख मांगना तो फिर भी आसान है , परीक्षा लेनी है तो पहले खुद की लो, दूसरों की लेना तो फिर भी आसान है ,  सन्यासी बनाना है तो अपने षदृ रिपुओं को त्याग दो , अपनी ज़िन्दगी और परिवार को त्याग करना तो फिर भी आसान है,  ज़िन्दगी का लक्ष्य ढूंढना तो आसान हैं पर उस पर ध्यान केंद्रित करना नहीं , कमाना हैं तो पुण्य कमआओ , पाप का भागीदार बनाना तो फिर भी आसान है , अच्छा गुरु बनने की इच्छा को छोड़, पहले अच्छा शिष्य बनाने की कोशिश करो. 

What is Real?

What is Real? Public Friends Friends except Acquaintances Only Me Custom Close Friends Family See all lists... College Friends School Friends Friends Gurubandhu MY Teachers net friends SKCH, Bangalore SKCH, Bangalore Dayananda Sagar College of Dental Sciences Sri Kumaran Composite Pre-University College Dayananda Sagar College of Dental Sciences Bangalore, India Area Sri Kumaran Children's Home Acquaintances Go Back There is thought ; What is Real? Do our senses transit what is real?. Recently watched a the movie "The Matrix" and in that there's an excerpt about how they have gone through this subject, which goes,  "How do u define "real?". If you're talking about what you can feel, what you can smell, taste and see, then real is simply electrcial signals interpreted by your brain."  Then what is real, are we not seeing, or listening, or sensing the truth? The question makes us ponder upon then what is REAL?...........and then if