कभी इत्तेफ़ाक़ से अगर मिल गए तो
यू नज़रअंदाज़ न करना
मेरी गलती की सज़ा मेरे बेटे को न देना बस
थोड़ा सा मुस्कुरा ज़रूर लेना
बैठा रहा तेरे इंतज़ार में
की समय ने तेरे ज़ख्म भर दिए होंगे
पर हम में भी थोड़ा सा आत्मा सम्मान हैं
कि अब तक जीये तो आगे भी जी लेंगे
कभी मुस्तक़बिल में मेरे बेटे से राह जुडी
तो हमारी दोस्ती का ज़िक्र ज़रूर करना
मेरी गलतियों पे ग़ौर फरमाना और
मेरे ग़ैरमाशरूत प्यार का अर्ज़ भी करना न भूलना
क्यूंकि हम तो बने थे जिस दुनिये के लिए
उसी की आग़ोश में हो लिए
कभी उस पैमाने पे आकर हमारी ज़िन्दगी
देखने का तकलीफ उठाना
क्यूंकि जहाँ से हम देख रहे थे
वह का नजरिया ही कुछ अलग था
जो क्रोध की आग जल रही हैं तुम्हारे ज़हन में
उसको बुझा तो हम नहीं सकते
पर समय का कम्बल ओढ़ कर
आग शांत हो यह दुआ ही तो कर रहे आरसे से
अपनी देहलीज़ का नुमाइना तो हमने कर ही लिया हैं
इसीलिए आपसे मिलने की खता हम नहीं कर सकते
माना दर्द हम दोनों की हुआ
पर फर्क सिर्फ इतना था
की तुमने वह अपने हरकतों में दिखाया और
मैंने अपने रूह में उसको समाया
गुस्सा हमें उन काफिरों से था
प्यार के ईमान को समझ न पाए
नाकि तुमने जिसने प्यार को उस तख्ता पे लाया
जहा से दुनिया ही जन्नत लगने लगी थी
दुःख हमें इस बात का नहीं हुआ की तुमने
मेरे प्यार को अपनाया नहीं
पर इस बात का कि तुम्हारी ख़ामोशी का नुमाइंदा ना लगा पाए
और एहि पर हम जीत कर भी हार गए
चलो एक नयी शुरुआत करे
एक कदम मैं उठाऊंगा और एक तुम
रस्ते बिलकुल अलग होंगे
पर मंज़िल तो खुदा की एक ही हैं न?
आज भी बौखला जाता हू यह सोचकर की
कभी तुम अगर सामने आ गायी
तो तुम्ही रोकु या अपने आंसुओन को?
आपल्या चरणी शरण आलों
ओळख पटली आणि जाग आली
आता फक्त तेज आहे सर्व व्यापी
वाट मोकळी आणि ध्येय सोपा
गुरूंच्या चरणी
पूर्ण शुद्ध झाली
विवेक भरला
तृप्त झाला
शांत होऊन
प्रेम पाहून
शरणी येऊन
साथ गाऊन
सत्य जाणून
निरलीप्त होऊन
विवेक जागून
एक माय होऊन
आता देव दिसला
माणसं मध्ये
प्राणी मध्ये
झाढा मध्ये, इकडे तिकडे
सर्वी कडे
तुझ्याविना कोणी नाही मजला
का बरं वेडा नाही करत मला
आपल्या प्रेमात
रंगून जाऊ तुझ्या खेळात
सुटला हा जीवन
घेऊन तुझे नाव
मिटला हा अभिमान
तुझी मूर्ती पाहून
सोडले सारे बंधन
तुझ्या बंधनात अडकून
सार्थक झालं जीवन
आज तुझा भक्त होऊन
तुझे नाव फक्त आहे
मुखी आज देवा
असेच राहू दे जीवन भर सखा
तुझ्या भक्ती शिवाय, हा देह आहे भुखा
देऊन टाक भीख आज या पामरला
जोडून टाक आज ही नदी सागराला
थांबून टाक आज हा शोधाचं प्रवास
भक्ताला ल लागला गुरू चां ध्यास
काही नको आज
फक्त तू हवाच
नाही जन्म नाही मृत्यू
फक्त साथ तुझाच
लाभला आम्हा आज
इतके पाप करूनही
किती पुण्याई असेल सातो जन्माची ही?
आज झोप नाही लागत
फक्त तुझे चरण आठवत
काहीच नाही कळत
तोडून टाक हा आज
हो जीवनाचा गुंता
चोही दिशा दिसू दे तुझीच छाया
तुझ्यात आज हा जीव गुंतला
तूच सुरुवात आणि तुझ्यातच हा जीव संपाला
भेट घडवून दे तुझीच गुरुराया
आपला बनवून घे गुरुराया
आता नको हा दुरावा
बघत राहिलो फक्त तुझीच छाया
बोलावून घे आपल्या जवळ
संपवून टाक आणि तेजोमय करा ह्या रात्रीची सकळ
तेरे आने से जिंदगी ऐसी बहार आयी
सिर्फ आपको देखे न की मन भर गया
पर आंखें भी भर आई
सारा कायनात सिमट आया तेरे चरणों पे
और आंखें फिर भी नम रही
क्योंकि..........
आज खुशी इस बात की नही कि
मैं आपका शिष्य बना
पर इस बात की हैं कि
आपने मुझे न सिर्फ खोजा
पर अपनाया पर पाल पोस कर बड़ा किया
इच्छा आपकी और सेवा हमारी
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